कृषि कानून का विरोध: 8वें दिन भी जारी रहा किसानों का धरना
छतरपुर
सरकार द्वारा पास किए गए विवादित कृषि कानून के खिलाफ देशभर में किसान आंदोलन चल रहे हंै, छतरपुर में भी सामजसेवी व ग्रामीण अधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमित भटनागर के नेतृत्व में 13 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। किसानों को कृषि कानूनों के साथ-साथ प्रशासन की अमानवीयता का भी सामना करना पड़ रहा है। जहां प्रशासन पूरे मामले में असंवेदनशील बना हुआ है, वहीं किसान भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं, खुले आसमान के नीचे कंपकंपाती सर्दी में आठवें दिन भी किसानों का धरना जारी रहा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित भटनागर ने विवादित कृषि कानूनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनता के वोटों से चुनी हुई भाजपा की मोदी सरकार देश में इस समय कॉर्पोरेट तथा बहुराष्ट्रीय निगमों की प्रबंधन समिति के रूप में काम कर रही है। उनके मुनाफे की हवस को शांत करने के लिए वह देश के करोड़ों छोटे, मध्यम, गरीब व आम किसानों का गला घोंटने के लिए तैयार है। प्राकृतिक चिकित्सक दिनेश मिश्रा ने बताया कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र में आॅटोमैटिक रूट के जरिये सौ प्रतिशत विदेशी निवेश को छूट दे दी है। धरने में मुख्य रूप से कवि मानिक लाल, गणेश सिंह, राजेन्द्र गुप्ता योगी, सोना आदिवासी, जानकी आदिवासी, बालादीन पटेल, हिसाबी राजपूत, प्रभु यादव, दरवारी लाल पटेल, राकेश तिवारी, धन्नी अहिरवार आदि मुख्य रूप से बैठे हुए हैं।