22 लोगों के मुंह से एलुरु में आया झाग, हुए बेहोश, डेप्युटी CM को षड्यंत्र का संदेह

अमरावती (आंध्रप्रदेश)
आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के एलुरु शहर और पास के एक मंडल मुख्यालय में शुक्रवार को करीब 22 लोग अचानक से बेहोश हो गए। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मामले में राज्य के डेप्युटी सीएम (स्वास्थ्य) ए. के. के. श्रीनिवास ने किसी प्रकार के षड्यंत्र का संदेह जाहिर किया है। दरअसल करीब एक महीने पहले दिसंबर, 2020 में एलुरु में ही सैकड़ों की संख्या में लोग बीमार हो गए थे और उन्हें उल्टी और जी-मिचलाने की समस्या हुई थी। पश्चिम गोदावरी जिले के पूल्ला जाकर पीड़ित परिवारों का हालचाल लेने के बाद डेप्युटी सीएम ने कहा कि इस रहस्यमयी बीमारी के पीछे षड्यंत्र से इंकार नहीं किया जा सकता है। श्रीनिवास ने तेलुगू समाचार चैनल से कहा कि हम सोच रहे हैं कहीं कोई षड्यंत्र तो नहीं है। लोग जो बातें कर रहे हैं, उसे देखते हुए हमें भी संदेह है। इसलिए हम इससे इंकार नहीं कर सकते हैं। लेकिन हम इसकी पुष्टि भी नहीं कर सकते हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 22 लोग अचानक बेहोश हो गए, उनके मुंह से झाग निकलने लगा और उन्हें चक्कर आने लगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इलाज के बाद उनमें से छह मरीजों को छुट्टी दे दी गई है जबकि 15 लोगों को एलुरु के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक अन्य व्यक्ति का पूल्ला मंडल मुख्यालय स्थित अस्पताल में इलाज चल रहा है। श्रीनिवास ने कहा कि हमने पीड़ितों के घरों, आसपास के होटलों और गुंडुगोलानु के सब्जी बाजार से पानी और भोजन के नमूने लिए हैं। हम मांस, चिकन, दूध, चावल और धन की खेती में प्रयोग उर्वरकों के नमूने भी ले रहे हैं। मुख्य सचिव आदित्य नाथ दास, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अनिल कुमार सिंघन, स्वास्थ्य आयुक्त के. भास्कर हालात का जायजा लेने के लिए एलुरु रवाना हो गए हैं। पिछले साल दिसंबर में एलुरु में बीमार हुए लोगों के संबंध मेंअलग-अलग राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला की लोग ‘ऑरगेनोक्लोरीन’ के कारण बीमार हुए हैं लेकिन उसका स्रोत पेयजल नहीं है। इस बीमारी पर एक सप्ताह से भी कम समय में काबू पा लिया गया था और जब हालात सामान्य होने लगे तो गुरुवार को फिर से पूल्ला में कुछ लोग बीमार होने लगे।

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