लुटियंस में दूसरी प्रॉपर्टी के किराए में नहीं मिलेगी रियायत कांग्रेस को 24 अकबर रोड दफ्तर छोड़

 नई दिल्ली 
दिल्ली के लुटियंस इलाके में कांग्रेस को बंगला और फ्लैट के रेंट को लेकर कोई राहत नहीं मिलनेवाली है। हालांकि, पार्टी के हेडक्वॉर्टर 24 अकबर रोड के किराए में जरूर रियायत मिल सकती है। लुटियंस में पार्टी के 3 बंगले और 1 फ्लैट है जो किसी भी राजनीतिक पार्टी द्वारा अधिकतम है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के नए हेडक्वॉर्टर के बनने तक कांग्रेस  ने बंगला और फ्लैट के किराए रियायती दरों या सामान्य दर तक दिए जाने की अपील की है।  
 

सूत्रों का कहना है कि सरकारी आवास के रियायती दरों पर किराए देने की कांग्रेस की सिफारिश को पूरी तरह से नहीं माना जाएगा। कांग्रेस को सिर्फ हेडक्वॉर्टर के किराए में ही छूट मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने केंद्र सरकार की कैबिनेट कमिटी अकॉमडेशन (सीसीए) को पत्र लिखकर रियायत की मांग की थी। हालांकि, पत्र के जवाब मैं कैबिनेट सेक्रेटरी ने कहा कि एक पार्टी को तय समय से अधिक समय तक सरकारी आवास पर कब्जा जमाए रखने की छूट कैसे दी जा सकती है। सेक्रेटरी ने जवाब में यह भी लिखा कि न्यूनतम किराए की छूट का असर सरकारी खजाने पर पड़ता है और इसे जारी नहीं रखा जा सकता। 

बता दें कि शहरी विकास मंत्रालय ने आखिरी फैसला लेने से पहले यह मामला पहले कानून मंत्रालय + के पास भेजा था। हालांकि, इस मुद्दे पर आखिरी फैसला लेने के लिए सीसीए के पास भेजा गया था। दिल्ली शहर में सरकारी आवासों के किराए और आवंटन पर आखिरी फैसला लेने के लिहाज से सीसीए ही सर्वोच्च बॉडी है। यह सीसीए का ही फैसला है कि आवंटित सरकारी आवासों का 2013 से लेकर अब तक लाइसेंस फी के डैमेज रेट के आधार पर चार्ज लिया जाए या नहीं। डैमेज रेट मार्केट में प्रॉपर्टी की कीमत के आधार पर वसूला जाता है और यह रियायती किराए की दर से बहुत अधिक होता है। राजनीतिक पार्टियों को आम तौर पर ये सरकारी आवास रियायती दरों पर ही मिलते हैं। 
 

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