अब सहयोगी दलों से मुलाकात करेंगे अमित शाह: 2019 की तैयारी

नई दिल्ली 
2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए और अपने सहयोगियों दलों को एकजुट रखने के लिए बीजेपी चीफ अमित शाह अलगे कुछ दिनों तक बीजेपी के सहयोगी दलों से मिलेंगे। इसकी शुरुआत वह शिव सेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से करेंगे। बता दें कि महाराष्‍ट्र में हाल ही में हुए उपचुनाव में करारी शिकस्‍त के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ के मुद्दे पर शिवसेना में दो फाड़ हो गया है। शिवसेना के लोकसभा सांसद और विधानसभा सदस्‍य जहां उद्धव ठाकरे से गुहार लगा रहे हैं कि बीजेपी के साथ गठबंधन को तोड़ने के मुद्दे पर वह फिर से विचार करें वहीं राज्‍यसभा सांसद और विधान परिषद सदस्‍य पार्टी अध्‍यक्ष से अपने फैसले पर दृढ़ रहने की अपील कर रहे हैं। 

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बुधवार को चंडीगढ़ में अकाली दल के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल से मिलने के बाद उद्धव ठाकरे से मिलेंगे। एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने के बाद अमित शाह और शिव सेना की यह पहली बैठक होगी। हाल के दिनों में शिव सेना के नेता बीजेपी पर लगातार हमला बोलते रहे हैं लेकिन बीजेपी ने शांति बनाए रखी और शिव सेना को एक महत्वपूर्ण सहयोगी दल बताते रहे और कहा कि दोनों पार्टियों का गठबंधन बना रहेगा। मुंबई दौरे पर गए बीजेपी के जनरल सेक्रटरी भूपेंद्र यादव ने भी उद्धव ठाकरे से बात की थी। उम्मीद की जा रही है कि उद्धव से मुलाकात के दौरान शाह उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा कर दोनों ही पार्टियों के बीच की खाई को पाटने का काम करेंगे। 

 
वहीं गुरुवार को पटना में भी NDA और उसके सहयोगी दलों की बैठक होनी है जहां केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद होंगे। बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन में आने के बाद दोनों ही पार्टियों के बीच रामनवमी में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर विवाद चल रहा था जब कुछ बीजेपी नेताओं ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। वहीं बिहार में अभी जेडीयू ने साफ कर दिया है कि बिहार में नीतीश कुमार NDA का चेहरा होंगे और पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य की 40 सीटों में से 25 पर चुनाव लड़ेगी 

 
आंध्र प्रदेश में टीडीपी के एनडीए से अलग होने और कई विपक्षी दलों के साथ आ जाने से बीजेपी को इस बात का एहसास है कि सहयोगी दलों और एनडीए के बीच दरार आने का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है जबकि उसे इस वक्त अधिक से अधिक समर्थन जुटाने की जरूरत है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button