मनाली जा रहे हैं तो यहां जाना ना भूलें

गर्मी में हर दिन तापमान में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है, इससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रहा है। लगातार बढ़ती गर्मी से राहत पाने के लिए लोग छुट्टियों में हिल स्टेशन जाते हैं। भारत के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में मनाली भी शामिल है। कहते हैं धरती में मनुष्यों का विस्तर यहीं से हुआ था क्योंकि यह मनु महाराज की भूमि है। आप भी छुट्टियों में मनाली जाने की योजना बना रहे हैं तो इन स्थानों पर जरूर घूम आएं इससे यात्रा के साथ आप तीर्थयात्रा का पुण्य भी प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए चलें देवभूमि हिमाचल के सफर पर…

मनाली की कुलदेवी हैं हिडिंबा देवी
मनाली में हिडिंबा देवी का मंदिर और गुफा है। गुफा में आज भी पुराने जमाने की हड्डियां और खोपड़ी रखी हैं। हिडिंबा देवी के मंदिर का संबंध महाभारत काल से है। हिडिम्बा देवी को कुल्लू मनाली की कुलदेवी के रूप में माना जाता है। इस मन्दिर का निर्माण 1553 ईस्वी में महाराज बहादुर सिंह ने कराया था। महाभारत में इन्हें भीम की पत्नी और घटोत्कच की मां कहा गया है।

ऋषि मनु को समर्पित है यह मंदिर
मनाली और उसके आस-पास के क्षेत्र भारतीय संस्कृति और विरासत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसे सप्तर्षि या सात ऋषियों का घर बताया गया है। मनाली शहर का नाम मनु के नाम पर पड़ा है। मनाली शब्द का शाब्दिक अर्थ “मनु का निवास-स्थान” होता है। मनाली को “देवताओं की घाटी” के रूप में जाना जाता है। पुराने मनाली गांव में ऋषि मनु को समर्पित एक अति प्राचीन मंदिर हैं।

रघुनाथजी मंदिर
रघुनाथजी मंदिर का निर्माण राजा जगत सिंह ने 17वीं शताब्‍दी में करवाया था। कहा जाता है कि एक बार उनसे एक भयंकर भूल हो गई थी। उस गलती का प्रायश्चित करने के लिए उन्‍होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यहां श्री रघुना‍थ अपने रथ पर विराजमान हैं। इस मंदिर में स्‍थापित रघुनाथ जी की प्रतिमा राजा जगत सिंह ने अयोध्‍या से मंगवाई थी। आज भी इस मंदिर की शोभा देखते ही बनती है।

बिजली महादेव मंदिर
बिजली महादेव मंदिर यहां का प्रमुख धार्मिक स्‍थल है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई चढ़नी होती है। यहां का मुख्‍य आकर्षण 100 मी. लंबी ध्वज है। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो यह सूरज को भेद रही हो। कहा जाता है कि बिजली कड़कने पर इसमें जो तरंगे उठती हैं, वे भगवान का आशीर्वाद होता है। इस ध्वज पर लगभग हर साल बिजली गिरती है। कभी-कभी मंदिर के अन्दर शिवलिंग पर भी बिजली गिरती है।

कुल्‍लु दशहरा
कुल्‍लु का दशहरा पूरे देश में प्रसि‍द्ध है। जब पूरे देश में दशहरा खत्‍म हो जाता है तब यहां शुरू होता है। देश के बाकी हिस्‍सों की तरह यहां दशहरा रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करके नहीं मनाया जाता। यहां के लोगों का मानना है कि उत्सव में करीब 1000 देवी-देवता इस अवसर पर पृथ्‍वी पर आकर इसमें शामिल होते हैं। लेकिन यह इस मौसम में आप नहीं देख सकते हैं। इसके लिए आपको अक्टूबर में फिर से यहां जाना होगा।

मणीकरन
यह जगह गर्म पानी के झरने के लिए प्रसिद्ध है। हजारों लोग इस पवित्र गर्म पानी में डुबकी लगाते हैं। यहां का पानी इतना गर्म होता है कि इसमें दाल और सब्‍जी पकायी जा सकती है। यह हिंदुओं और सिखों का प्रसिद्ध धार्मिक स्‍थल है। यहां गुरुद्वारे के साथ रामचंद्रजी और शिवजी का प्राचीन मंदिर भी है।

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