वनों के सुधार का काम पीपीपी मोड पर नहीं, वन समितियों से कराएंगे: शाह

भोपाल
वन मंत्री विजय शाह ने कहा है कि प्रदेश में बिगड़े वनों के सुधार का काम निजी क्षेत्र को सौंपने और पीपीपी मोड पर कराने की सरकार की कोई योजना नहीं है। वन विभाग की पांच हजार वन समितियों को सरकार एक लाख रुपए प्रति समिति दे रही है और उनसे वनों के सुधार और वन क्षेत्र विकसित करने के लिए काम कराया जा रहा है। इन्हें बांस बल्ली के अधिकार भी दिए जाएंगे।  मंत्री शाह ने ये जानकारी विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल में विधायक लक्ष्मण सिंह के सवाल के जवाब में दी। सिंह ने पूछा था कि प्रदेश में 94689 वर्ग किमी वन क्षेत्र है जिसमें से 37420 वर्ग किमी बिगड़े वन क्षेत्र में शामिल है। वन क्षेत्र घटने से वन्य प्राणी शहरी क्षेत्र में घुस रहे हैं। इसलिए क्या सरकार वन क्षेत्र सुधार का काम निजी क्षेत्र को सौंपने जा रही है। इस पर मंत्री ने पीपीपी मोड पर काम सौंपने से इनकार किया।

विधानसभा में सीधी बस हादसे में जान गंवाने वाले 54 यात्रियों के मामले में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने मुख्यमंत्री और मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। विधायक कमलेश्वर पटेल, एनपी प्रजापति समेत 12 विधायकों द्वारा लगाई गई सूचना में चर्चा के दौरान सबसे पहले विधायक पटेल ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की गई है। सीएम को मच्छर काट ले तो उपयंत्री सस्पेंड हो जाता है लेकिन 54 जान लेने वाले हादसे में कोई बड़ा अधिकारी कार्रवाई के दायरे में नहीं आया। उन्होंने सीएम, मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि व्यापमं के अफसरों पर भी कार्रवाई की जाए जिन्होंने परीक्षा केंद्र सीधी में बनाने के बजाय सतना में बनाया।

सीधी हादसे पर विधायक एनपी प्रजापति ने गृहमंत्री और परिवहन मंत्री के मौके पर न जाने का आरोप लगाते हुए इस मामले में सीएम से जवाब मांगा। इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही मानीटरिंग कर रहे थे। राहत कार्य प्रभावित न हो, इसलिए पहले दिन खुद नहीं गए और दो मंत्रियों को मौके पर भेजा। इस दौरान शरतेंदु तिवारी ने कहा कि 1988, 2000 में भी दो बस दुर्घटनाएं हुई थीं लेकिन संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई थी।

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