मायावती के बंगले को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी, कांशीराम मेमोरियल में बदलेगी योगी सरकार?

लखनऊ 
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के खाली किए बंगले में तोड़फोड़ को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार मायावती के खाली किए सरकारी बंगले को कांशीराम मेमोरियल बनाने पर विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मायावती ने 13-ए मॉल एवेन्यू के इस सरकारी आवास को खाली करते हुए मांग की थी कि योगी सरकार इसे बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के संस्थापक कांशीराम का स्मारक घोषित करे। राज्य संपत्ति विभाग 13-ए मॉल एवेन्यू वाले बंगले के आवासीय हिस्से को मान्यवर कांशीराम यादगार स्थल की मांग वाले हिस्से से अलग करने की तैयारी कर रहा है। संपत्ति विभाग के पास ही इन बंगलों की देखरेख का जिम्मा है। यूपी के संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला ने हमारे सहयोगी टीओआई से इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बंगले के आवासीय हिस्से और कांशीराम मेमोरियल वाले हिस्से की अलग-अलग पहचान होगी। 

2007 में मायावती ने 13 मॉल एवेन्यू से जोड़ा 
संपत्ति विभाग के सूत्रों के मुताबिक कांशीराम मेमोरियल को 13-ए मॉल एवेन्यू पर बनाया गया था, जोकि पहले गन्ना आयुक्त का दफ्तर था। लेकिन मायावती ने 2007 में सत्ता में आने के बाद गन्ना आयुक्त के दफ्तर को तुड़वाकर अपने 13 मॉल एवेन्यू वाले घर से इसे जोड़ दिया था। संपत्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'अब पूरी संपत्ति 13-ए के रूप में तब्दील हो चुकी है। संपत्ति विभाग अब 13-ए और 13 मॉल एवेन्यू को पुरानी स्थिति में लाना चाहता है।' 

सीएम योगी से खत के जरिए मांग 
दो जून को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने 13-ए मॉल एवेन्यू का अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया था। इस दौरान उन्होंने मीडिया के लोगों को बंगला दिखाते हुए कांशीराम मेमोरियल का दावा ठोका था। मायावती के इस कदम को अपनी दलित पहचान और पार्टी के कोर वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले मायावती ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक विरोध-पत्र भेजते हुए अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए कैबिनेट के फैसले और सरकारी आदेशों की जानकारी दी थी। इसमें कांशीराम मेमोरियल पर लिया गया निर्णय भी शामिल था। मायावती ने इस पत्र में कांशीराम के स्मारक की देखरेख के लिए अपने पार्टी काडर को तैनात करने का प्रस्ताव भी रखा था। 

दलितों की नाराजगी नहीं मोल लेगी BJP 
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी कांशीराम मेमोरियल पर कोई विवाद खड़ा करके दलित वोटरों की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहती, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़े पैमाने पर समर्थन दिया था। बीएसपी विधायक दल के नेता लालजी वर्मा का कहना है, 'हम बार-बार कहते रहे हैं कि यह एक स्मारक है और राज्य सरकार को इससे कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। हम इस मामले में लगातार नजर बनाए हुए हैं और अपनी नेता मायावती को जानकारी देंगे, जिससे वह मेमोरियल के मुद्दे पर आगे उचित कदम उठा सकें।' 

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