सीधी भर्ती का मकसद नौकरशाही का भगवाकरण: वीरप्पा मोइली

हैदराबाद 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष रह चुके एम वीरप्पा मोइली ने बुधवार को आरोप लगाया कि सीधी भर्ती (लैटरल एंट्री) के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का कदम सिविल सेवा का भगवाकरण करने की दिशा में एक प्रयास है। 

पूर्व कानून मंत्री ने भर्ती के लिए घोषणा के समय पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब लोकसभा चुनाव के लिए एक साल भी नहीं बचा है, ऐसे में इस तरह का बड़ा फैसला कैसे लिया जा सकता है । मोइली ने आरोप लगाया कि नौकरशाही के 25 प्रतिशत हिस्से का पहले ही भगवाकरण हो चुका है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी आईएएस बनने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए संस्थान चला रही है। 

केंद्र सरकार पर लगाया भगवाकरण का आरोप 
उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार पूरी तरह वैचारिक रुझान के आधार पर नौकरशाहों को अहमियत दे रही है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसके (सीधी भर्ती) साथ (नौकरशाही का) और 25 प्रतिशत हिस्से का भगवाकरण हो जाएगा।’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिविल सेवा के भगवाकरण की योजना का हिस्सा है। 

मोइली ने कहा कि उनकी अध्यक्षता वाले आयोग ने सीधी भर्ती पर नीति निर्धारित की थी और सतर्क रुख अपनाने की सिफारिश की थी लेकिन एनडीए सरकार ने बिना कोई नियम और नीतिगत दस्तावेज तैयार किए ही विज्ञापन निकाल दिया। मोइली ने आरोप लगाया कि सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों के भगवाकरण का प्रयास किया था। 

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