जम्मू में शहीद हुए जवान के परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से किया मना 

एटा
जम्मू के सांबा सैक्टर के चमलियाल में सीजफायर का एक बार फिर उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान की नापाक गोलीबारी में देश के चार जाबांज शहीद हो गए। जिसमें एटा के वीर सपूत रजनीश यादव भी शहीद हो गए थे। शहीद रजनीश यादव का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह उनके पैतृक गांव जैथरा थाना क्षेत्र के सदियापुर में पहुंचा। शहीद का शव पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया।

शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं परिजनों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के शहीद के गांव न पहुंचने पर शहीद का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों में शहीद के प्रति स्थानीय प्रशासन खासकर जिलाधिकारी अमित किशोर और एसएसपी अखिलेश चौरसिया के न पहुंचने को लेकर भी भारी आक्रोश देखा गया।

शहिद रजनीश यादव के अंदर बचपन से ही देश सेवा का जज्बा कूट कूटकर भरा था। पिता राजवीर यादव ने अपने होनहार बेटे की शादी 2012 में अलका यादव से करवा दी थी। 2013 में रजनेश बीएसएफ में एएसआई के पद पर भर्ती हो गए थे। शहीद रजनेश अपने पीछे मां बाप दो भाई, बहन, पत्नी व 3 वर्ष का बेटा छोड़ गए हैं। अपने वीर सपूत के शहीद होने सुनने के बाद क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। वहीं देश पर शहीद होने को लेकर परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों को गर्व भी था।

थाना जैथरा के गांव सदियापुर में शहीद का अंतिम संस्कार शुक्रवार होगा। उनकी जन्म स्थली गांव सदियापुर मे देश की सीमा पर शहीद होने की सूचना मिलते ही भारी भीड़ का तांता लग गया। वहीं परिजनो में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश देखा जा रहा है। 

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