दिल्ली में डस्ट पलूशन , ऐसे बचे

खतरनाक पलूशन से ऐसे बच सकते हैं आप

डस्ट पलूशन की वजह से दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों की सांसें उखड़ रही हैं। लोग खांसी और आंखों में जलन से परेशान हैं। अस्पतालों में अस्थमा के मरीजों की तादाद बढ़ गई है। सबसे ज्यादा खतरा हाल में जन्म लेने वाले बच्चों को है। उनकी श्वास नली में सूजन हो सकती है। धूल के जो कण जो एक बार फेफड़ों में पहुंच जाते हैं वह बाहर निकलते नहीं, वहीं जमा रहते हैं। इससे फेफेड़ों को नुकसान होता है। अगर कोई लंबे समय तक डस्ट पलूशन में रहे तो धूल के कण शरीर के बाकी अंगों पर भी असर डालने लगते हैं। इस खतरनाक पलूशन से बचने के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें…

घर से बाहर निकलते वक्त

घर से बाहर निकलते वक्त नाक और मुंह को तौलिए या मास्क से अच्छी तरह से ढक कर रखें। बाइक पर जा रहे हों तो नाक-मुंह को रुमाल से बांधे फिर हेलमेट लगाएं। कार चलाने वाले लोग अपनी गाड़ियों के शीशे बंद करके ड्राइविंग करें।

आई इंफेक्शन से बचें

आंखों को इंफेक्शन से बचाने के लिए सनग्लासेज का इस्तेमाल करें। अगर आंखें लाल हो रही हैं तो उन्हें रगड़े नहीं, बल्कि जितना हो सके ठंडे पानी से धोएं और डॉक्टर से संपर्क करें। अपने मन से कोई भी आई ड्रॉप यूज न करें।

एयर प्यूरीफायर यूज करें

बच्चों को घर से बाहर बिलकुल न ले जाएं, सुबह-शाम की सैर भी बंद कर दें। मुमकिन हो तो घर के अंदर भी बच्चे के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

घर को पूरी तरह से पैक रखें

घर के सभी खिड़की-दरवाजों को जितना संभव हो, बंद ही रखें। घर के अंदर भी डस्ट हो गई होगी इसके लिए गीले कपड़े से पोछें या पानी से धोएं। घर के अंदर दरवाजे के नीचे अगर गैप है, तो उसे भी बंद करें, नहीं तो धूल भरी हवा घर के अंदर आती रहेगी।

बुजुर्ग और मरीज रखें ध्यान

बुजुर्गों को अगर हार्ट या अस्थमा की बीमारी है तो उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। पलूशन बढ़ने से परेशानी हो तो डॉक्टर के पास जाएं और अपनी नियमित दवा खाना न भूलें।

वर्किंग लोग मास्क का इस्तेमाल करें

जो लोग वर्किंग हैं, उनके लिए घर से बाहर निकलना मजबूरी है लिहाजा वे मास्क जरूर पहनें। N-95 मास्क बेहतर ऑप्शन है। इसे पहनने से काफी हद तक धूल के कणों को रोका जा सकता है।

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