महाराष्‍ट्र में एक और संघर्ष की बिसात पर शिवसेना-बीजेपी

मुंबई
शिवसेना और बीजेपी के बीच संघर्ष की एक और बिसात बिछ चुकी है। दोनों तरफ से 'भगवा मोहरे' चले जा चुके हैं। अगले सात दिन तक इस बिसात पर शह और मात के दांव खेले जाएंगे। 25 जून को फाइनल मुकाबला होगा और 28 जून को नतीजा घोषित होगा। महाराष्ट्र विधान परिषद की दो शिक्षक और दो स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से भरी जाने वाली सीटों के लिए होने वाले चुनाव में शिवसेना और बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने हैं। दोनों पार्टियों के बीच पालघर में हुई टक्कर के बाद शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार कर 'स्वबल' पर चुनाव लड़ने की अपनी घोषणा की मुनादी कर दी है।

शिवसेना-बीजेपी के बीच आगामी मुकाबला विधान परिषद की मुंबई शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, मुंबई स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, कोकण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र और नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की सीटों पर हो रहा है। दोनों तरफ से इन सभी सीटों पर 'भगवा मोहरे' चल दिए गए हैं। इन दिनों दोनों ही तरफ से जोरदार मोर्चेबंदी चल रही है।

किस सीट पर कौन चुनाव लड़ रहा है और कौन किसे समर्थन दे रहा है, इस पर एक नजर-

मुंबई शिक्षक निर्वाचन सीट

ये हैं उम्मीदवार-

शिवाजी शेडगे (शिवसेना)

कपिल पाटील (लोकभारती)

अनिल देशमुख (बीजेपी समर्थित, निर्दलीय)

मुंबई शिक्षक निर्वाचन सीट से शिवसेना ने शिवाजी शेडगे को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुख्य मुकाबला लोकभारती पार्टी के कपिल पाटील से है। कपिल पाटील वर्तमान में भी मुंबई शिक्षक निर्वाचन सीट से विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्हें कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन भी प्राप्त है। मजेदार बात यह है कि इस सीट पर जहां सभी बीजेपी विरोधी पार्टियां कपिल पाटील के पक्ष में एकजुट हैं, बीजेपी ने शिवसेना के उम्मीदवार शिवाजी शेडगे को समर्थन देने की बजाय निर्दलीय उम्मीदवार अनिल देशमुख को अपना समर्थन दिया है।

शिवसेना के समन्वयक विनय शुक्ला बताते हैं कि पिछली बार इस चुनाव के लिए 24 हजार मतदाता थे, लेकिन इस बार सिर्फ 10 हजार 142 मतदाता हैं। इसकी वजह यह है कि इस बार सिर्फ वही शिक्षक वोट डाल सकेंगे, जो मुंबई में रहते हैं और जिनके आधार कार्ड में मुंबई का पता है। दूसरी बात यह है कि मुंबई में बड़े पैमाने पर शिवसेना नेताओं, पदाधिकारियों के अपने स्कूल हैं। इसका फायदा शिवसेना को मिलेगा। बता दें कि वर्तमान में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे कपिल पाटील लंबे समय से शिक्षकों के बीच कार्यरत हैं और शिक्षकों के बीच खासे लोकप्रिय भी हैं।

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