आरोप सिद्ध ना कर पाने पर हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का जुर्माना

धार
आचार संहिता उल्लंघन के मामले में धार से बीजेपी विधायक नीना वर्मा को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उन पर लगे आरोपों को सही नहीं माना है और याचिका को खारिज कर दिया. वहीं याचिका लगाने वाले पूर्व कांग्रेस विधायक बालमुकुंद सिंह गौतम पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जस्टिस रोहित आर्य ने आदेश में कहा है कि विधायक पर लगे आरोप कोर्ट में साबित नहीं हुए इसलिए ये याचिका खारिज की जाती है.

नीना वर्मा पर आरोप थे कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए आचार संहिता का उल्लंघन किया और लोगों के बीच पैसे व अन्य सामान बंटवाया. बीजेपी को वोट देने के लिए लोगों को कई तरह के प्रलोभन दिए. इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा था कि 2013 के चुनाव के दौरान राजनाथ सिंह की सभा में नीना वर्मा के पति विक्रम वर्मा ने बालमुकुंद गौतम को भूत कहा था. उसी सभा में अशोक जैन का भाषण हुआ था जिसमें उन्होंने धार की भोजशाला का मुद्दा उठाते हुए सरस्वती की प्रतिमा लंदन से वापस लाने की बात कही थी. इस आधार पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया गया.

इसके अलावा नीना वर्मा के चुनाव संचालक अनंत अग्रवाल ने जोशीला भाषण दिया था जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता डर गए. हालांकि ये आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो सके. वहीं एक दूसरी याचिका के मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे लगा हुआ है. इस याचिका पर नीना वर्मा की विधायकी शून्य घोषित कर दी गई थी लेकिन बाद में इस पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया.

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