क्या नीतीश की BJP से तल्खी बरकरार है, नहीं खर्च हुआ रामनवमी का पैसा

पटना
बिहार में जेडीयू और बीजेपी सरकार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है. एनडीए में आने के बाद जेडीयू और बिहार सरकार के योग दिवस मानने को लेकर दूरी बरकरार है. लेकिन मामला यहीं तक सीमित नहीं है. रामनवमी के अवसर पर पर्यटन मंत्रालय के द्वारा पटना डीएम को 5 लाख रुपये कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार में खर्चे करने के लिए दिए गए थे, लेकिन वो खर्च नहीं किया गया. दूसरी तरफ उसके कुछ दिनों बाद पटना मे आयोजित 'दीन बचाओ देश बचाओ' रैली में गृह विभाग के द्वारा दिए 40 लाख रुपये को पटना डीएम ने खर्च किया. जब बीजेपी के कोटे के पर्यटन मंत्री ने डीएम से पैसे खर्च ना करने के बारे में पूछा तो डीएम का जवाब था, 'हम जल्दीबाजी में थे.'    

बिहार सरकार के पर्यटक विभाग ने पटना में 24- 25 मार्च को हुए रामनवमी उत्सव के दौरान रामायण सर्किट के प्रचार-प्रसार के लिए 5 लाख रुपये डीएम पटना को दिए. लेकिन पटना डीएम कुमार रवि ने उसमें से एक चवन्नी खर्च नहीं किया. बीजेपी कोटे के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा, 'जो समिति थी उन्होंने चंदा लेकर इस काम को किया और उस राशि को लौटा दिया. हम लोगों ने जब डीएम से पूछा भी तो उन्होंने कहा कि हम लोग जल्दबाजी में थे.' मंत्री भले ही इस पर खुलकर ना बोले लेकिन उसके एक पखवाड़े बाद पटना के गांधी मैदान में 15 अप्रैल को 'दीन बचाओ देश बचाओ' रैली मुस्लिम संगठन इमारते-ए-सरिया के द्वारा आयोजित किया गया. उस रैली के आयोजन का मुख्य उद्देश्य तीन तलाक पर केंद्र सरकार के रवैये का विरोध करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने बनाना था.

बिहार सरकार के गृह विभाग ने इस आयोजन के लिए पटना डीएम को 40 लाख रुपये दिए. ताकि रैली में आए लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो चाहे वो सुरक्षा का मामला हो या फिर जन सुविधाओं का. बीजेपी के कई मंत्री इस बात को लेकर खफा हैं कि एक तरफ मुस्लिम संगठन के कार्यक्रम के लिए सरकार पैसा खर्च कर रही है, दूसरी तरफ रामनवमी जैसे समारोह में खर्च करने से परहेज कर रही है. जबकि रामनवमी के उस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी शामिल हुए थे. बीजेपी कोटे के बिहार सरकार मे कृषि मंत्री प्रेम कुमार का कहना है, 'पैसे अगर सरकार के स्तर पर रामनवमी के लिए दिए गए थे, तो उन्हें खर्च करना चाहिए था. रामनवमी हम लोगों का महान पर्व है. हिंदू धर्म के लोग रामनवमी मनाते हैं. शहर और गांव में और सरकार ने जो निर्णय लिया था कि रामनवमी के कार्यक्रमों को बेहतर बनाने के लिए रामनवमी में जो लोग भाग ले रहे थे. उनकी सुविधा को लेकर के सरकार ने राशि आवंटित की थी तो जिला पदाधिकारी को खर्च करना चाहिए था. हम लोग पता लगाएंगे कि आखिर पैसा कहां खर्च हुआ.'

पटना के डीएम कुमार रवि ने कहा, 'पैसा मार्च के अंत में आया था. इसलिए हमने दूसरे मद की राशि का उपयोग करते हुए पर्यटन विभाग के पैसे को लौटा दिया. हालांकि डीएम ने कैमरे पर कुछ कहा कि पर जनता दल यू के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार का कोई धर्म नहीं होता है. इसमें सियासत की गुंजाइश नहीं है. सरकार में शामिल दल को जरूर संबंधित पक्ष के बारे में जान लेना चाहिए. उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि पटना जिला प्रशासन ने पैसा खर्च नहीं किया बल्कि दूसरे मद का पैसा खर्च कर आयोजन को पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि ये बात सच है कि रामनवमी के लिए पर्यटन विभाग ने जो पैसा आबंटित किया वो मार्च के अंत में किया था. इसलिए उस पैसे का उपयोग नहीं किया जा सका. लेकिन दूसरी तरफ दीन बचाओ और देश बचाओ रैली वित्तीय वर्ष के शुरुआत में हुई. इसलिए पैसे खर्च करने में कोई दिक्कत नहीं थी. लेकिन बीजेपी नेताओं के मन में ये सवाल जरूर है कि आखिर किसके इशारे पर पैसे को खर्च करने से रोका गया.

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