237 किलो: जंक फूड से बच्चा बना सबसे वजनी!, दुनिया के सबसे वजनी किशोर का ऑपरेशन

 नई दिल्ली 
सामान्य तौर पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) – किसी व्यक्ति की लंबाई और वजन का अनुपात 22.5 किलोग्राम/एम2 होता है। 32.5 पर किसी व्यक्ति को मोटा माना जाता है, और इसके लिए सर्जरी का सुझाव दिया जा सकता है। यदि बीएमआई 40, 50 या 60 से भी ज्यादा हो, अत्यधिक मोटापा भी कहा जा सकता है। यदि किसी 14 साल के किशोरी की बीएमआई 92 हो तो आप क्या कहेंगे?  
 
पश्चिमी दिल्ली के उत्तम के मिहीर जैन को जब उसके माता-पिता साकेत के मैक्स हॉस्पिटल में कुछ महीने पहले वजन कम कराने की सर्जरी के लिए लाए थे। वह मुश्किल से ही खड़ा हो पाता था। जब वजन किया गया तो 237 किलोग्राम निकला। ऑपरेशन करने वाले वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने बताया कि मिहीर दुनिया का सबसे ज्यादा वजन वाला किशोर है, जिसकी गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी की गई है। 

'पास्ता सबसे ज्यादा पसंद, पिज्जा उसके बाद' 
जब डॉक्टर चौधरी ने पहली बार मिहीर को देखा, वह उसके सफल ऑपरेशन को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं थे। डॉक्टर का कहना है कि वह ऑपरेशन के लिहाज से काफी वजनी था। नवंबर 2003 में जब मिहीर का जन्म हुआ तो उसका वजन 2.5 किलो (बिल्कुल सामान्य) था। लेकिन धीरे-धीरे उसका वजन बढ़ना शुरू हो गया। मां पूजा जैन ने बताया कि जब मिहीर 5 साल का था, तो उसका वजन 60-70 किलो था। 

  
237 किलो वाले किशोर का फेवरिट फूड पास्ता था
दिल्ली के 14 साल के किशोर मिहिर का वजन 237 किलो था और वह दुनिया का सबसे वजनी किशोर था। डॉक्टरों ने मिहिर की वेट रिडक्शन सर्जरी की जिसके बाद उसका वजन अब 177 किलो हो गया है। मिहिर का कहना है कि पिज्जा पास्ता उसका फेवरिट खाना था और क्लास 2 के बाद उसने स्कूल जाना भी बंद कर दिया था और फिजिकल ऐक्टिविटी बिलकुल नहीं करता था जिस वजह से उसका वजन लगातार बढ़ता रहा। डॉक्टरों की मानें तो जरूरत से ज्यादा फास्ट फूड और जंक फूड के सेवन शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है।

जंक फूड खाने से कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है। जंक फूड में इस्तेमाल होने वाले तेल, नमक और चीनी की अधिक मात्रा का सीधा असर लीवर और पैनक्रियाज पर होता है। इससे शरीर में शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कलेस्ट्रॉल लेवल में इजाफा होने लगता है। इन सब कारणों से 15-16 साल के बच्चों में भी न सिर्फ मोटापा बढ़ता है बल्कि वे छोटी उम्र में ही डायबीटीज के शिकार हो जाते हैं और 30-35 साल तक पहुंचते-पहुंचते उन्हें हार्ट की बीमारी हो जाती है।

अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के वेट लॉस सर्जन डॉ. आशीष भनोत ने कहा कि बच्चों में मोटापे को कम करने के लिए सबसे ज्यादा उनकी कैलरी पर कंट्रोल करना होगा। जंक फूड के जरिए वे ज्यादा से ज्यादा कैलरी लेते हैं, लेकिन फिजिकल ऐक्टिविटी बिलकुल नहीं करते जिस वजह से उनकी कैलरी बर्न नहीं होती और यह फैट के रूप में बॉडी के अंदर जमा होने लगती है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि जितना हो सके बच्चों को जंक फूड और मीठा खाने से बचाएं।

वैज्ञानिकों की मानें, तो फैट्स और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर जंक फूड आइटम्स हमारे ब्रेन के रिवॉर्ड सिस्टम को प्रभावित करते हैं और इसीलिए हम जंक फूड से दूर नहीं रह पाते। फैटी और कार्बोहाइड्रेट-रिच फूड दिमाग को सिग्नल भेजने वाले अलग-अलग रास्तों के ज़रिए रिवॉर्ड सिस्टम को ऐक्टिवेट करते हैं। जब फैट और कार्बोहाइड्रेट खाने में एक साथ मिलते हैं, तो इसका प्रभाव और बढ़ जाता है।

ट्रांसफैट और केमिकल से भरपूर फ्रेंच फ्राइज से न सिर्फ मोटापा बढ़ता है बल्कि हाइपरटेंशन, डायबीटीज और दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं। 100 ग्राम फ्रेंच फ्राइज में 312 कैलरी और 15 ग्राम फैट होता है।

हाई सैच्युरेटेड फैट और डाइट्री कलेस्ट्रॉल से भरपूर बर्गर का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में कलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एक मीडियम बर्गर में 540 कैलरी और 80 मिलीग्राम कलेस्ट्रॉल होता है।

फ्रेंच फ्राईज और बर्गर की ही तरह पिज्जा को भी रेग्युलर बेसिस पर खाने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे न सिर्फ मोटापा बढ़ता है बल्कि शरीर में गुड कलेस्ट्रॉल की मात्रा भी घटने लगती है जिससे रक्त की धमनियों में रुकावट आने लगती है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। पिज्जा के एक बड़े स्लाइस में 311 कैलरी और 19 ग्राम फैट होता है।

पूजा ने बताया, 'हमारे पारिवार के ज्यादातर सदस्यों का वजन ज्यादा है, इसलिए हमने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन फिर एक वक्त ऐसा आया, जब वह अपने वजन की वजह से ठीक से चल भी नहीं पाता था। उसने क्लास सेकंड के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया, मुझे घर पर ही उसकी पढ़ाई करानी पड़ी।' 

परिवार ने पहली बार मेडिकल सलाह साल 2010 में ली, लेकिन डॉक्टरों का कहना था कि सर्जरी के लिए बच्चा काफी छोटा था। मिहीर ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'मैं ज्यादातर समय घर पर ही रहता था। या तो लेटा होता था, या बैठा।' उसने बताया कि उसे पूर्व में जंक फूड बेहद पसंद था। मिहीर ने बताया, 'पास्ता सबसे ज्यादा पसंद है और पिज्जा उसके बाद। 

डॉक्टर चौधरी ने शुरुआत में लड़के को बेहद कम कैलरी वाली डायट (VLCD) पर रखा क्योंकि वह सफल सर्जरी को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं थे। एक सामान्य भोजन में 2500 से 3000 कैलरी होती हैं, जबिह VLCD में सिर्

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