सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार, NDA को क्यों नहीं टेंशन 

नई दिल्ली 
विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लोकसभा में रखे गए अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया है। अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में शुक्रवार और राज्य सभा में सोमवार को चर्चा होगी। आपको बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र बुधवार से शुरू हुआ है और पहले ही दिन सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। हालांकि नंबर गेम के मामले में बीजेपी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को इससे कोई खतरा नहीं है। नरेंद्र मोदी सरकार के पास एनडीए के सभी सहयोगी दलों को मिलाकर लोकसभा में 310 सांसद हैं। ऐसे में यह अविश्वास प्रस्ताव महज सरकार के खिलाफ सांकेतिक विरोध के तौर पर ही माना जाएगा। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। आइए समझते हैं कि सरकार की मौजूदा स्थिति क्या है। 

2018 में बीजेपी की स्थिति (कुल 310 सीटें) 
BJP    273
SS    18
LJP    06
SAD    04
अन्य    09

बुधवार को समाजवादी पार्टी और तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों ने लोकसभा में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं और आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग समेत कई मुद्दों पर विरोध किया। इस दौरान कांग्रेस के सांसद ज्योदिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'जो सरकार किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रही है, जिस सरकार में हर रोज महिलाओं से रेप की वारदातें हो रही हैं… हम उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखते हैं।' 

अगर 2014 के आंकड़ों पर गौर करें, तो उस समय बीजेपी की स्थिति कुछ इस प्रकार थी। 
(2014 के चुनाव के बाद BJP = 337 सीटें)
BJP    282
SS    18
TDP    16
LJP    06
SAD    04
अन्य    11

टीडीपी के प्रस्ताव को मिली मंजूरी 
टीडीपी के के श्रीनिवास ने एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि वह अगले दो-तीन दिन में इसपर बहस की तारीख तय करेंगी। स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पेश करनेवाले उन सभी सदस्यों का नाम लेते हुए कहा कि टीडीपी के श्रीनिवास ही अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे क्योंकि लॉटरी से उनका नाम ही निकला है। बता दें कि टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के विरोध में इसी साल मार्च में एनडीए से अलग हो गई थी। श्रीनिवास ने जीरो ऑवर में प्रस्ताव पेश किया और स्पीकर ने इसे मान लिया। टीडीपी के सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान भी अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था लेकिन स्पीकर ने उसे खारिज कर दिया था। 
 

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