RBI ने ब्याज दरों में की 0.25% की बढ़ोतरी, कर्ज लेना होगा महंगा

 नई दिल्ली
 भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़ोतरी के साथ रेपो रेट 6.50 फीसदी पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों ने भी यह अनुमान जताया था कि इस बार आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा।

महंगा होगा लोन
ब्याज दरों में हुई इस बढ़ोतरी का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। रेपो रेट के बढ़ने से बैंकों से आपके लिए होम लोन और ऑटो लोन समेत अन्य कर्ज लेना महंगा साबित होगा। इसकी वजह से अब आपकी जेब पर ज्यादा ईएमआई का बोझ पड़ेगा।

बता दें कि इससे पहले जून में भारतीय र‍िजर्व बैंक ने रेपो रेट की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। आरबीआई ने इस दौरान 25 बेस‍िस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। रेपो रेट में हुई इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6 फीसदी से बढ़कर  6.25 फीसदी हो गया था। मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में यह पहली बार हुआ था, जब आरबीआई ने रेपो रेट की दरें बढ़ाईं।

क्या होता है रेपो रेट?  
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक आरबीआई से लोन उठाते हैं। जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक से पैसे लेते हैं। आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है। यही रेट रेपो रेट कहलाता है. इसे हमेशा भारतीय र‍िजर्व  बैंक ही तय करता है।

महंगाई, पेट्रोल, कमजोर बारिश बना बड़ी वजह
पिछले दो महीनों में खुदरा और थोक महंगाई काफी बढ़ गई है। पेट्रोल और डीजल के दाम भी लगातार बढ़ते गए क्योंकि रुपया लगातार कमजोर होता गया। ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें इस साल लगभग 20 फीसदी बढ़ चुकी है और मई के दौरान क्रूड ऑयल 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से ऊपर चला गया. क्रूड का यह स्तर 2014 के बाद का सर्वाधिक स्तर है। 

इसके साथ ही मानसून भी बीच के महीनों में कमजोर हो गया था, लेकिन अब कई हिस्सों में बहुत ही भारी बारिश हो रही है। अबतक पूरे देश में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई है। अगस्त में मानसून की चाल कमजोर रहेगी। वहीं, पूरे सीजन के लिए मानसून का अनुमान घटाकर सामान्य से 92 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। पहले एजेंसी ने पूरे सीजन में 96 से 104 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था। 

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