जिस चमगादड़ से Coronavirus फैलने का शक, उसकी 4 और ‘बहनें’ मिलीं

नई दिल्ली
जिस चमगादड़ से Coronavirus फैलने का शक, उसकी 4 और 'बहनें' मिलींकोरोना वायरस जिस चमगादड़ से निकलकर फैलना शुरू हुआ था, उसकी 4 और प्रजातियां अफ्रीका से पाई गई हैं। चमगादड़ों में कोरोना वायरस होता है और उन्हें इससे कोई नुकसान नहीं होता लेकिन बाहर फैल सकता है। रीसर्चर्स के मुताबिक चमगादड़ की नई प्रजातियों और उनमें पाए जाने वाले वायरसों की मदद से आगे किसी आपदा से बचने में मदद मिलेगी। COVID-19 के केस में कोरोना वायरस वुहान में हॉर्सशू चमगादड़ से निकला और पैंगोलिन या कुत्ते जैसे किसी और जानवर में चला गया। इसके बाद इंसानों में फैलने लगा। हालांकि, इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है कि कोरोना वायरस चमगादड़ से ही निकलकर फैलना शुरू हुआ था।
ऐसी दिखती है यह प्रजाति
अफ्रीका से मिली हॉर्सशू चमगादड़ की इन Sister प्रजातियों को Leaf-nosed चमगादड़ कहा गया है और जेनेटिक अनैलेसिस के जरिए इनकी पहचान की गई है। ये सभी एक म्यूजियम में थे लेकिन इन्हें लाया अफ्रीका से गया था। ये एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी पाए जाते हैं। इन चेहरे की स्किन कई फ्लैप में होती है जिससे ये कीड़े पकड़ते हैं। इसी की मदद वे आवाज पहचानने के लिए रडार के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं।

Coronavirus की खोज में मदद
शिकागो के फील्ड म्यूजियम के डॉक्टर ब्रूस पैटरसन का कहना है कि हॉर्सशू बैट की करीब 25-30 प्रजातियां होती हैं और कोई नहीं जानता की COVID-19 किस प्रजाति के वायरस से निकला है। इसलिए उनके बारे में और उनसे जुड़ी दूसरी प्रजातियों के बारे में जानना जरूरी है। हालांकि, वैज्ञानिकों को भरोसा है कि नई प्रजातियां किसी इंसानी बीमारी के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। ये पहले से खोजी गई प्रजातियों से काफी मिलते-जुलते हैं, इसलिए इन्हें पहले खोजा नहीं जा सका। इनकी समानता की वजह से इन्हें पहचाना जाना इस वक्त काफी मददगार साबित हो सकता है।

…इसलिए न करें शक
वैज्ञानिकों का यह कहना है कि इनमें कोरोना वायरस का वह स्ट्रेन नहीं होता है जिसकी वजह से COVID-19 फैला है। वे यह भी कहते हैं कि चमगादड़ों को डर या शक से नहीं देखा जाना चाहिए। हर जीव में वायरस होते हैं। यहां तक कि बगीचे में खिलने वाले गुलाब में भी। वे नेचर का हिस्सा होते हैं और कई नुकसानदेह भी नहीं होते हैं। चमगादड़ों में बहुत सारे वायरस होते हैं लेकिन उनके तेज मेटाबॉलिज्म और DNA की वजह से उन्हें इन्फेक्शन नहीं होता है। जब तक उन्हें छेड़ा न जाए या मारने की कोशिश न की जाए, चमगादड़ कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

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