स्वरा भास्कर के खिलाफ अटॉर्नी जनरल का अवमानना कार्यवाही से इनकार, दिया था SC के अयोध्या फैसले पर बयान

नई दिल्ली 
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति देने से इनकार कर दिया है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ अभिनेत्री ने कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान दिए थे। किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अदालत की अवमानना कानून, 1971 की धारा 15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलीसीटर जनरल की सहमति की जरूरत होती है। अभिनेत्री के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए वकील अनुज सक्सेना ने अटॉर्नी जनरल से सहमति मांगी थी। वेणुगोपाल ने 21 अगस्त को सक्सेना को लिखे पत्र में कहा कि अभिनेत्री के बयान दो पैराग्राफ में हैं, जो तथ्यात्मक प्रतीत होते हैं, बोलने वाले की अपनी धारणा हो सकती है।

वेणुगोपाल ने कहा, "मेरा मानना है कि इस मामले में अदालत की निंदा या अदालत के अधिकारों को कमतर करने का अपराध नहीं बनता है, इसलिए मैं स्वरा भास्कर के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति देने से इनकार करता हूं।" सक्सेना और अन्य ने आरोप लगाए हैं कि भास्कर ने मुंबई कलेक्टिव की तरफ से 1 फरवरी, 2020 को आयोजित एक पैनल परिचर्चा में आपत्तिजनक बयान दिए थे। याचिकाकर्ता के मुताबिक स्वरा भास्कर ने इस वर्ष फरवरी में मुंबई में आयोजित 'आर्टिस्ट्स अगेंस्ट कम्युनलिज्म' में यह कहकर न्यायालय को अपमानित किया है कि न्यायालय खुद इस बात पर आश्वस्त नहीं हैं कि वे संविधान में विश्वास रखते हैं या नहीं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्वरा भास्कर का बयान न केवल प्रचार पाने का सस्ता हथकंडा था, बल्कि लोगों को सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भड़काने का वैचारिक प्रयास भी था।

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