उत्तर प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी का सर्वाइवल रेट 76 प्रतिशत रहा

लखनऊ
कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग में उम्मीद की एकमात्र किरण के रूप में सामने आई प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में अभी तक प्लाज्मा थेरेपी का सर्वाइवल रेट 76 प्रतिशत रहा है।

उत्तर प्रदेश मेडिकल शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में थेरेपी के नतीजों के परिणाम
ICMR सहित अन्य कई सारी स्टडीज़ से बेहतर हैं। बता दें कि प्रदेश के 10 संस्थानों में प्लाज्मा थेरेपी हो रही है, जिसमें 2 प्राइवेट संस्थान भी शामिल हैं। और इनके परिणाम बेहतरीन रहे हैं।

अडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉक्टर रजनीश दुबे के अनुसार, 'केजीएमयू और पीजीआई सहित हमारे प्रमुख संस्थानों से मिले फीडबैक के अनुसार प्लाज्मा थेरेपी साबित हुई है। कई ऐसे केस में भी, जो काफी गंभीर हो सकते थे या फिर हाथ से फिसल सकते थे।' मूल्यांकन की प्रक्रिया 6 सेंटर्स पर की गई, जहां 421 ट्रांसफ्यूज़न हुए हैं। इनमें से 321 (76%) लोद जीवित बचे।

यह पूछे जाने पर कि सपॉर्टिव वैज्ञानिक सबूत ना होने पर भी प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी को लेकर आगे क्यों बढ़ा गया, डॉक्टर दुबे ने बताया, 'सबसे पहले तो जिंदगी बचाने के हरसंभव प्रयास करने के स्पष्ट निर्देश सीएम की तरफ से मिले हुए थे। साथ ही ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने भी प्लाज्मा थेरेपी को प्रायोगिक मेडिकेशन के तौर पर लिस्ट किया था, जिससे रेमेडेसिविर संबंधित था।'

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