बिहार के भागलपुर जिले की पुलिस की पिटाई हुई थी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत, 7 लाख मुआवजे का आदेश

पटना 
बिहार के भागलपुर जिले की बिहपुर पुलिस की पिटाई से सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष कुमार पाठक की मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने 7 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। सरकार को यह छूट दी गई है कि वह चाहे तो दोषी पुलिसकर्मियों से इस पैसे की वसूली कर सकती है। 10 फरवरी, 2021 से पहले मृतक की पत्नी को मुआवजा राशि का भुगतान करना होगा। इस मामले में आरोपी थानेदार अभी तक फरार है। 

नवगछिया पुलिस जिला के बिहपुर थाना पुलिस द्वारा पुणे में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष कुमार पाठक की 24 अक्टूबर 2020 को बेरहमी से पिटाई की गई थी। उन्हें हाजात में भी मार पीटकर लहूलुहान कर दिया गया था। इसके कुछ घंटों बाद इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी रंजीत कुमार मंडल, संविदा पर प्रतिनियुक्त थानेदार के निजी चालक मोहम्मद जहांगीर राईन उर्फ आलम समेत कुछ अन्य पुलिसकर्मी का नाम अवया था। अखबारों में खबर प्रकाशित होने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने इसपर स्वत: संज्ञान लिया था। बाद में इसको लेकर कई परिवाद प्राप्त हुए थे जिन्हें एक साथ मिला दिया गया। 

राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य उज्ज्वल कुमार दुबे ने इस मामले में सुनवाई के बाद घटना को लेकर भागलपुर के डीएम और नवगछिया के एसपी से रिपोर्ट तलब की थी। साथ ही मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति बताने को भी कहा था। डीएम-एसपी की रिपोर्ट आने के बाद आयोग ने इस मामले में सुनवाई के बाद मृतक की पत्नी स्नेहा पाठक को क्षतिपूर्ति राशि के तौर पर 7 लाख रुपए के भुगतान का आदेश दिया है। 

आयोग ने इस घटना पर गंभीर टिप्पणी की है। आयोग का मानना है कि सम्य समाज में इस तरह की घटना किया जाना अस्वीकार्य है। ऐसे मामलों में सरकार को दोषी पुलिसकर्मियों को ऐसा कठोर दंड दिया जाना चाहिए जिससे भविष्य में कोई पुलिसकर्मी ऐसा करने का दुस्साहस न कर सके।

Back to top button