CG में नहीं मानेंगे शिक्षाकर्मी, संविलियन के मध्यप्रदेश मॉडल में विसंगतियां

रायपुर।
मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा हुई तो छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों ने भी जश्न मनाया। हालांकि उनकी खुशी अब काफूर हो गई है। दरअसल मध्यप्रदेश सरकार ने संविलियन के नाम पर शिक्षाकर्मियों को चुनावी झुनझुना ही पकड़ाया है। मध्यप्रदेश में संविलियन की शर्तों का विरोध शुरू हो चुका है।

वहां शिक्षाकर्मियों ने संविलियन का विसंगतिपूर्ण आदेश सुधारने का अल्टीमेटम दिया है। इधर छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी तुरंत संविलियन करने की मांग को लेकर बेसब्र हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह उनसे बार-बार धैर्य रखने की अपील कर रहे हैं लेकिन शिक्षाकर्मी कह रहे कि जब हाईपावर कमेटी ने मध्यप्रदेश और राजस्थान का दौरा कर लिया है और रिपोर्ट भी बना ली है तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है।

हालांकि शिक्षाकर्मी यह भी कह रहे हैं कि अगर यहां संविलियन का मध्यप्रदेश मॉडल लागू किया गया तो वे नहीं मानेंगे और विरोध किया जाएगा। शिक्षाकर्मी मध्यप्रदेश का आदेश देखकर चिंतित हैं जबकि नईदुनिया हाईपावर कमेटी के अफसरों के हवाले से बता चुका है कि यहां का संविलियन मॉडल मध्यप्रदेश और राजस्थान से बेहतर होगा।

मध्यप्रदेश के मॉडल में यह हैं विसंगतियां-

शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय संयुक्त मोर्चा के उप संचालक प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि वहां शिक्षाकर्मियों को शिक्षा विभाग में लिया तो जा रहा है लेकिन उनके लिए अलग कैडर बना दिया गया है। पहले शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक और व्याख्याता के पद होते थे।

अब प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के नाम से पद सृजित किए गए हैं। संविलियन उन्हीं का होगा जो खुद संविलियन की सहमति देंगे। जिनका संविलियन किया जाएगा उनकी पुरानी सेवा अवधि को शून्य माना जाएगा और जुलाई 2018 से ही उनकी सेवा मानी जाएगी।

इस नियम से 20 साल की सेवा करने वाले और दो साल की सेवा करने वाले शिक्षाकर्मी का वेतन समान हो जाएगा। अंशदायी पेंशन योजना 2005 से लागू है लेकिन संविलियन के बाद इसकी भी गणना जुलाई 2018 से ही होगी। पदोन्नति के लिए परीक्षा पास करना होगा। शिक्षाकर्मियों का कहना है उनके साथ धोखा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट-

संविलियन को लेकर छत्तीसगढ़ के एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। गुरूवार को मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने ट्वीट किया-मैं सभी शिक्षाकर्मी भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि आपके भविष्य को ध्यान में रखकर हमने एक हाईपावर कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता चीफ सेक्रेटरी कर रहे हैं। आप धैर्य रखें, आपकी प्रतीक्षा का परिणाम आपके हित में होगा।

शिक्षाकर्मियों ने कहा विसंगति रही तो मान्य नहीं करेंगे-

शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट तत्काल सार्वजनिक की जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विसंगतियों के साथ यदि कमेटी का कोई प्रस्ताव आता है तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। वहीं मोर्चा के संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि यहां की स्थिति मध्यप्रदेश से बेहतर है। यहां संविलियन का मॉडल मध्यप्रदेश से बेहतर बनाया जा सकता है।

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