2019 लोकसभा चुनाव भी साथ लड़ेंगे जेडीएस-कांग्रेस: कर्नाटक

बेंगलुरु 
2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए विपक्ष पूरी तरह लामबंद होता दिख रहा है। यूपी में हालिया उपचुनाव (कैराना-नूरपुर) में बीजेपी के खिलाफ 'महागठबंधन' की जीत ने इस प्रयास को और तेज किया है। इसी का परिणाम है कि शुक्रवार को कर्नाटक में गठबंधन की सरकार में शामिल कांग्रेस और जेडी(एस) ने अब 2019 का लोकसभा चुनाव भी साथ लड़ने का ऐलान किया है। शुक्रवार को कर्नाटक में मंत्रालयों का बंटवारा हुआ, जिसमें कांग्रेस को 22 मंत्रालय जबकि जेडीएस को 12 मंत्रालय मिले। इसके साथ ही कांग्रेस और जेडी(एस) ने एक साझा प्रेस वार्ता में 2019 का चुनाव साथ लड़ने का भी ऐलान कर दिया। 
 

गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने साझा कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया, 'कैबिनेट विस्तार और पोर्टफोलियो के बंटवारे को लेकर हमारे (कांग्रेस और जेडीएस) बीच निष्कर्ष निकल गया है। वित्त विभाग जेडी-एस के पास ही रहेगा। अब सब कुछ निर्धारित हो चुका है। कांग्रेस और जेडी(एस) अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में एक साथ चुनाव लड़ेंगी।' 

 

मंत्रालयों के बंटवारे में कांग्रेस को 22 जबकि जेडीएस को 12 मंत्रालय मिले हैं। कांग्रेस के पास गृह, राजस्व, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई जैसे महत्वपूर्ण विभाग रहेंगे। वहीं जेडीएस के पास वित्त, पर्यटन, पीडबल्यूडी, शिक्षा और ट्रांसपॉर्ट विभाग रहेगा। दोनों पार्टियों के बीच वित्त विभाग को लेकर रस्साकशी चल रही थी। सूत्रों के मुताबिक कुमारस्वामी ने वित्त विभाग अपने पास ही रखे जाने की मांग की थी, जिसे अब कांग्रेस ने मान लिया है। 

 
गठबंधन मंत्रिमंडल का विस्तार अगले सप्ताह 4 या 5 जून को हो सकता है। कुमारस्वामी ने नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण की तारीखों पर चर्चा के लिए यहां राजभवन में राज्यपाल वजूभाई वाला से भेंट की। 23 मई को इस नई सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान कुमारस्वामी के साथ केवल परमेश्वर ने उपमुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली थी। कुमारस्वामी ने 25 मई को ही विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित कर दिया था। 

कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद गठबंधन कर बीजेपी के हाथ से सत्ता की कुर्सी खींचने के बाद कांग्रेस और जेडी(एस) ने आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तहत मैदान में उतरने का फैसला किया है। 

 
यूपी की कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा समेत देश की 14 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने जहां बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है, वहीं विपक्ष को भी कई संकेत और संदेश दिए हैं। ऐसे में अगले तीन-चार महीने में सभी अपने-अपने सियासी घरों को दुरुस्त करने में जुट जाएंगे और इस कोशिश में कई दांव-पेच देखने को मिल सकते हैं। यह कहा जा सकता है कि उपचुनाव के नतीजों के बाद अब 2019 का खेल शुरू हो सकता है और सियासी दल अपने पैंतरे चलना शुरू कर सकते हैं। 

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