सीहोर के आजाद कॉलेज से अब नहीं होगी वकालत की पढ़ाई

साल 1956 में स्थापित सीहोर का शासकीय पीजी कॉलेज वर्तमान में जिले का सबसे पुराना और प्रदेश का प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान रहा है. आजाद कॉलेज में स्थानीय छात्रों को विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के बाद यहां पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा और तत्कालीन मंत्री उमराव सिंह के प्रयासों से 1968 में लॉ की क्लासेज शुरू की गई थी.

सीहोर स्थित चंद्रशेखर आजाद नोडल कॉलेज में अब एलएलबी यानी वकालत की पढ़ाई नहीं होगी. उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों पर कॉलेज से एलएलबी में प्रवेश बंद कर दिए गए हैं. साल 2012 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस कॉलेज में संचालित लॉ स्नातक की मान्यता अस्थाई करने से पास आउट छात्रों के भविष्य पर बड़ा प्रश्नचिह्न लग गया है.

साल 1956 में स्थापित सीहोर का शासकीय पीजी कॉलेज वर्तमान में जिले का सबसे पुराना और प्रदेश का प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान रहा है. आजाद कॉलेज में स्थानीय छात्रों को विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के बाद यहां पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा और तत्कालीन मंत्री उमराव सिंह के प्रयासों से 1968 में लॉ की क्लासेज शुरू की गई थी. यहां से जिले सहित प्रदेश के हजारों छात्रों ने वकील और न्यायधीशों के रूप में देश में अपनी सेवाएं दी है.

साल 2012 में अचानक बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने नॉम्स के तहत सीहोर समेत 15 विधि कॉलेजो की मान्य़ता अस्थाई तौर पर समाप्त कर अलग से विधि कॉलेज स्थापित करने की मांग की गई. इसके चलते यहां 2015 के अंतिम बेंच के बाद इस सत्र से लॉ में प्रवेश बंद कर दिया गया है. अब यहां के बच्चों को लॉ करने के लिए भोपाल जाना पड़ेगा. आजाद कॉलेज में लॉ स्नातक बंद करने से नाराज छात्र नेता इसका विरोध कर रहे हैं और लॉ की पढ़ाई जारी रखने की मांग कर रहे हैं. इस मामले में कॉलेज प्राचार्य बार काउंसिल की नई गाइड लाइन का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रही है.

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