बंगला खाली करने के साथ ही मायावती ने चला दोहरा राजनीतिक दांव

लखनऊ 
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने सरकारी बंगला खाली करने के साथ ही दोहरा राजनीतिक दांव भी चल दिया है। उन्होंने इसे 'कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल' घोषित करने के साथ ही इसकी देखरेख का जिम्मा सरकार के हवाले कर दिया। ऐसे में अब यदि सरकार इसे 'कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल' के तौर पर ही संरक्षित करती है तो उनकी राजनीतिक जीत होगी। 
 

यदि सरकार ऐसा न करके कुछ और बनाती है तो मायावती इसे दलित स्वाभिमान से जोड़कर मुद्दा बनाएंगी। ऐसे में मायावती चित और पट दोनों में अपना फायदा देख रही हैं। बंगला खाली करने के साथ ही सरकार को सुपुर्द कर मायावती ने अपना कद भी बढ़ाया है। बाद में कोई आरोप न लगे, इससे बचने के लिए उन्होंने पूरा बंगला मीडिया को दिखाया। इसके जरिए भी दो संदेश दिए कि वह पूरा बंगला ज्यों का त्यों छोड़कर जा रही हैं। साथ ही जनता को भी बताने की कोशिश की है कि यह 'कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल' ही है, इससे उनकी यादें जुड़ी हैं। 

स्मारक सरीखा ही जगमगाता है बंगला 
मायावती के बंगले की सुरक्षा हमेशा अभेद्य रही। बिना इजाजत कोई भी अंदर नहीं जा सकता था। वह प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बाहर लॉबी में ही करती थीं। मीडियाकर्मियों को वहां तक भी भारी तलाशी के बाद जाने दिया जाता था। लॉबी से अंदर जाने पर लोगों के चप्पल-जूते भी उतरवाए जाते थे लेकिन शनिवार को सभी मीडियाकर्मियों को पूरा बंगला घुमाया गया। 

 
मायावती खुद बंगले के एक-एक हिस्से के बारे में बता रही थीं। बंगले में लगी कांशीराम के साथ उनकी भव्य प्रतिमा भी रोशनी में जगमगा रही थी। इसके अलावा ज्यादातर हॉल में कांशीराम से जुड़ी यादों के म्यूरल दीवारों पर बने हैं। पश्चिम की ओर बंगले में छह हाथी और उनके बीच में लाइट व फौव्वारे चल रहे थे। 

दिखाया अपना कमरा 
मायावती ने अपने बंगले का वह कमरा भी दिखाया, जहां वह रहती थीं। वहां एक छोटा सा बेड पड़ा है और एक बॉथरूम। दिखाने का मकसद यही था कि पूरा बंगला कांशीराम स्मारक ही है। वह तो सिर्फ देखरेख के लिए यहां रहती थीं। अपने ऊपर लगने वाले 'दौलत की बेटी' के आरोपों को खारिज करने की भी कोशिश की और दिखाया कि किस तरह वह साधारण तरीके से रहती थीं। 

'बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू' 
मायावती ने कहा कि कैराना और नूरपुर उपचुनाव में करारी हार से बीजेपी बौखलाई हुई है। देश भर में हर राज्य में उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी की अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। अपनी हार की खबरों को दबाने के लिए ही बीजेपी वाले मेरे बंगले की खबरें चलवा रहे हैं जबकि मियाद से पहले मैं बंगला खाली कर रही हूं।

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