पवनहंस में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, नियमों में बड़ी राहत

 नई दिल्ली
 सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया का विनिवेश विफल रहने के बाद सरकार ने अब सबक लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाता पवनहंस लिमिटेड के विनिवेश के लिए नियमों में बड़ी राहत की घोषणा की है।

नागर विमानन मंत्रालय ने पहले जारी प्राथमिक सूचना पत्र में बदलाव करते हुए कहा है कि प्रारंभिक चरण में अभिरुचि पत्र दाखिल करने के बाद भी बोली लगाने वाली कंपनियों के लिए नए सिरे से कंसोर्टियम बनाना या बोली प्रदाता कंसोर्टियम के ढांचे में बदलाव संभव हो सकेगा। हालांकि, किसी कंपनी के लिए एक कंसोर्टियम से दूसरे कंसोर्टियम में जाना संभव नहीं होगा। 

पवनहंस के विनिवेश के लिए अभिरुचि पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 11 जून है। इससे पहले एक बार इसकी बोली प्रक्रिया विफल हो चुकी है क्योंकि सिर्फ एक योग्य खरीददार ने अभिरुचि पत्र दाखिल किया था। पवनहंस में सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत है जबकि शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी के पास है। सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है।

मंत्रालय ने कहा है कि एक बार अभिरुचि पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि से पहले यदि कंपनी या कंसोर्टियम कोई बदलाव करना चाहती है तो वह पुराना अभिरुचि पत्र वापस लेकर नए सिरे से अभिरुचि पत्र दाखिल कर सकती है। इस तारीख के बाद रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल प्राप्त होने के 15 दिन बाद तक बदलाव के लिए आवेदन किया जा सकता है और प्रयास यह होगा कि वित्तीय बोली जमा कराने की अंतिम तिथि से कम से कम 15 दिन पहले इसके लिए अनुमति दे दी जाए। 

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