7 हजार गाड़ियां जब्त, दिल्ली में बढ़े ड्रंक एंड ड्राइव के मामले

नई दिल्ली 
राजधानी दिल्ली में शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में पिछले साल की तुलना में 52.8 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से मेल टुडे को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से मई के दौरान करीब ड्रंक एंड ड्राइव के 15, 450 मामले सामने आए. इनमें से 7 हजार वाहनों की जब्त भी किया गया.

इसी अंतराल में बीते साल ड्रंक एंड ड्राइव के 10,105 मामले दर्ज हुए थे और सालभर में करीब 33.343 वाहनों को जब्त किया गया था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में बार और पब की बढ़ती संख्या इसके पीछे की वजह है साथ ही हैप्पी ऑवर के दौरान उपयुक्ता ज्यादा से ज्यादा शराब पीते हैं जिसकी वजह से ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता है.

हैप्पी ऑवर खतरनाक!

ड्रंक एंड ड्राइव के खिलाफ पुलिस के साथ मिलकर करीब 16 साल से जागरुकता अभियान चलाने वाले प्रिंस सिंघल बताते हैं कि हैप्पी ऑवर के जरिए बार मालिक अपनी कमाई को बढ़ाने का काम करते हैं लेकिन इसका नुकसान यह है कि इस दौरान लोग वहां ज्यादा शराब पीते हैं और न पीने या कम पीने वालों को भी शराब का आदी बना दिया जाता है. उन्होनें कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने पर होनी वाले 80 फीसद हादसे आधी रात 1 से 4 बजे के बीच ही होते हैं.

सिंघल ने कहा कि दिल्ली के पॉश इलाके जैसे हौज खास विलेज, ग्रेटर कैलाश, नेहरू प्लेस, कनॉट प्लेस, राजौरी गार्डन में ड्रंक एंड ड्राइव के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं. हैप्पी ऑवर और ऑफर्स के अलावा एक तथ्य यह भी है कि दिल्ली के ज्यादातर युवाओं ने शराब पीना शुरू कर दिया है जो इन हादसों को दावत देता है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में यह देखा गया है कि 60 फीसद से ज्यादा वाहन चालक 30 साल से कम उम्र के हैं. सिंघल ने बताया कि नशे में न होते हुए भी पुलिस पेट्रोलिंग की कमी और बार के आस-पास चौकियों का न होना भी इन हादसों के पीछे की एक वजह है. प्रिंस सिंघल ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से बार और पब मालिकों को ढीला छोड़ा गया है और वह तय वक्त से ज्यादा देर तक खुले रहते हैं.  

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