यहां ‘केले के पेड’ से होती है लडक़ी की शादी! जानिए क्या है वजह
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देश भर में कई ऐसे राज्य है जंहा पर कई प्रकार की परंपरा है। कहा जाता है कि हर सौ मीटर पर यहां बोली और रिवाज बदल जाते हैं। इतना अलग होते हुए भी यह देश प्यार और एकता के सूत्र में बंधा हुआ है। आपको पता है कि अलग-अलग जाति और धर्म को मानने वाले इस देश में शादी को लेकर भी बड़ी अजीब-अजीब और अलग-अलग परंपराएं हैं।
आइए आज आपको भारत की एक जगह के बारे में बताने जा रहे है जहां शादी से जुड़ी अनोखी परंपरा है। भारत में एक राज्य ऐसा भी है जहां पर लड़कियों की शादी केले के पेड़ से कराई जाती है। जी हां ये बिलकुल सच है, असम के बोगांइगांव जिले के सोलमारी में लड़कियों की शादी का अनोखा ही आयोजन होता है। यहां परंपरा के अनुसार दुल्हन तो लडक़ी ही होती है, लेकिन दूल्हा एक केले का पेड़ होता है।
मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक बता दे कि असम में इस तरह की होने वालीं अनोखी शादी को ‘तोलिनी ब्याह’ का नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस गांव का रिवाज है कि जब बेटी अपने बचपन की उम्र को पार करके किशोरावस्था में पहुंचती है।
यानी जब वह अपने पहले मासिक चक्र के अंदर प्रवेश करती है। तब इस तरह की शादी का आयोजन किया जाता है। बताया जाता है, कि उत्तर भारत में अभी भी इस विषय को लेकर खुलकर बात नहीं की जाती है, लेकिन वहीं भारत के कुछ राज्य ऐसे भी है जैसे असम, तमिलाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाको में लडक़ी के किशोरावस्था में पहुंचने पर शादी की तरह जश्न मनाया जाता है।
जानकारी के लिए बता दे कि इस अनोखे तरीके की शादी में काफी शोर गुल, गाना-बजाना भी होता है। लडक़ी के पहले दिन से ही इस अनोखे तोलिनी ब्याह की शुरुआत होती है। लडक़ी को इस दौरान सूर्य की रौशनी से बचाकर रखा जाता है, उसे खाने में सिर्फ फल, कच्चा दूध और पीठा खाने के लिए ही दिया जाता है, क्योंकि इस दौरान लडक़ी पका हुआ खाना नहीं खा सकती है। इस अजब गजब की शादी में रस्म के पूरे होने तक लडक़ी को जमीन पर ही सोना होता है, इस दौरान न ही कोई पुरुष उसका चेहरा देख सकता है। इस तरह का शादी समरोह सिर्फ लडक़ी के सयाने होने पर ही किया जाता है।
बता दे कि हर इलाके के रीती रिवाजो में थोड़ा बहुत अंतर तो अंतर रहता ही है, बताया जा रहा कि पहले निचली जाति के लोग ही अपनी बिटिया के सयाने होने पर इस तरह के अनोखे जश्न को मनाया करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है देखा-देखी में हर समाज वर्ग के लोग इस तरह की अनोखी शादी को मनाने लगे है।