दिल की बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये आसान फॉर्म्युला

देश में हृदय रोग की वजह से होने वाली मौतें तेजी से बढ़ रही हैं। गलत लाइफस्टाइल, जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस और व्यस्त दिनचर्या के कारण शहरी आबादी को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में 3 गुना ज्यादा दिल का दौरा पड़ता है। चिंता की बात तो यह है कि ज्यादातर मौतें उन लोगों की हो रही हैं, जिन्हें पहले से ही पता रहता है कि उन्हें हृदय रोग है। दवाएं लेने में लापरवाही कर वे न चाहते हुए भी मौत को बुलावा देते हैं।

शारीरिक गतिविधि न होने से दिल को खतरा
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (HCFI) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं, 'दिल की बीमारियों में कोरोनरी धमनी रोग, दिल का दौरा, एरिदमियास, दिल की विफलता, हृदय के वॉल्व में खराबी, जन्मजात हृदय रोग और कार्डियोमायोपैथी शामिल हैं, जो सबसे आम हैं। शहरी आबादी को दिल का दौरा अधिक पड़ने की सबसे बड़ी वजह यह है कि उनके पास शारीरिक गतिविधि के लिए बहुत कम या बिल्कुल भी समय नहीं है। हाल के दिनों में ऐसे लोग भी बढ़े हैं जो स्वस्थ तो दिखते हैं, लेकिन उनमें कार्डिएक अरेस्ट, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप के लक्षण मौजूद रहते हैं। इनके जीवन में इनमें से कोई भी बीमारी कभी भी विकसित होकर जिंदगी को जोखिम में डाल सकती है।'

उचित रोग प्रबंधन से मौत का खतरा होगा कम
डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, देश में हृदय रोग से होने वाली 80 से 90 प्रतिशत समय पूर्व मौतों की नियमित स्क्रीनिंग, समय पर चिकित्सा और उचित रोग प्रबंधन से रोका जा सकता है। महिलाओं को विशेष रूप से अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि उनके लक्षण पुरुषों से काफी हद तक अलग होते हैं। दिल की समस्याओं को बढ़ने से रोकने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना और इसे बनाए रखने की जरूरत है और इसकी शुरुआत जितनी जल्दी हो उतना अच्छा है।

दिल को स्वस्थ रखने का फॉर्मूला
– अपने लोअर ब्लड प्रेशर, फास्टिंग शुगर, पेट के साइज, हृदयगति और बैड कलेस्ट्रॉल के स्तर को 80 के नीचे रखें।
– गुर्दे और फेफड़ों के फंक्शन को 80 से ऊपर रखें।
– हर सप्ताह थोड़ा मुश्किल व्यायाम कम से कम 80 मिनट तक करें।
– एक दिन में 80 मिनट तक चलें, प्रति मिनट कम से कम 80 कदमों की गति के साथ ब्रिस्क वॉक करें।
– भोजन में कैलरी की मात्रा 80 ग्राम या 80 एमएल से कम ही रखें।
– किसी तरह के शोर का स्तर 80 डीबी से नीचे ही रखें।
– ऐसी हवा में रहें, जिसमें पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 और पीएम 10 स्तर का 80 एमसीजी प्रति घन मीटर से नीचे हो।
– हार्ट कंडिश्निंग व्यायाम करते समय दिल की दर का लक्ष्य 80 प्रतिशत तक हासिल करें।

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