50 रुपये से 5000 रुपये हुई घर में कुत्ता पालने की फीस

 गाजियाबाद 
शहर में अब कुत्ता पालने से पहले नगर निगम में पांच हजार रुपये देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पहले यह फीस केवल 50 रुपये थी। शनिवार को निगम की बोर्ड बैठक में इस समेत 17 प्रस्ताव पेश किए गए। इसमें से 15 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गए हैं, जबकि दो गिर गए। जो प्रस्ताव नामंजूर हुए हैं, उनमें एक मेट्रो फंडिंग और दूसरा वॉर्ड नंबर सात में पार्क के विकास से जुड़ा है। मेट्रो फंडिंग के मामले पर सभी सदस्यों ने एक सिरे से कहा कि नगर निगम इसके लिए फंड नहीं देगा।  
 

डॉगी ने खुले में पॉटी की तो मालिक पर जुर्माना 
बोर्ड बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव कुत्ता पालने को लेकर पास हुआ। निगम में पहले से कुत्तों के रजिस्ट्रेशन का नियम है। 1995 में इसके लिए 20 रुपये फीस निर्धारित थी, जिसे 1998 में बढ़ाकर 50 किया गया। हालांकि इसके बाद भी कोई इस नियम का पालन नहीं करता। पार्षद एस.के. माहेश्वरी ने रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। वहीं, खुले में पॉटी कराते पाए जाने पर मालिक पर जुर्माना लगेगा। इस संबंध में जल्द ही बायलॉज बनेगा। 

खास प्रॉजेक्ट के लिए बॉन्ड जारी कर पैसा उठाएगा निगम 
नगर निगम अब बड़े प्रॉजेक्ट के लिए बॉन्ड जारी कर मार्केट से पैसा ले सकेगा। निगम प्रशासन की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया गया था। इसमें कहा गया कि रेटिंग क्रिसिल संस्था के सर्वे में गाजियाबाद नगर निगम को ए रेटिंग मिली है। ऐसे में वह अपने खास प्रॉजेक्ट के लिए बॉन्ड जारी कर मार्केट से पैसा उठा सकेगा। सदन ने प्रस्ताव पास करने के साथ ही इसके लिए बायलॉज बनाने को कहा। 

खाली प्लॉट पर नहीं लगेगा डबल टैक्स 
पार्षद एस.के. माहेश्वरी ने खाली प्लॉट पर डबल टैक्स लगाए जाने का प्रस्ताव पेश किया, लेकिन यह अजेंडे से अलग था। इस पर सदस्यों में सहमति नहीं बनी। इसकी वजह से यह प्रस्ताव गिर गया। 

कैंप ऑफिस पर आमने-सामने हुए मेयर और नगर आयुक्त 
नगर निगम सदन में मेयर के लिए कैंप ऑफिस बनाने का मामला भी उठा। पार्षद रेखा जैन ने प्रस्ताव रखा कि नगर आयुक्त के कैंप ऑफिस परिसर में खाली पड़ी कई हजार वर्ग मीटर जमीन पर मेयर कैंप ऑफिस बन सकता है। नगर आयुक्त सी.पी. सिंह ने इसके लिए अपने कैंप ऑफिस के परिसर को साझा करने से इनकार कर दिया। नगर आयुक्त ने कहा कि कविनगर जोन में दो कमरे बने हैं। मेयर चाहें तो कैंप ऑफिस की तरह यूज कर सकती हैं। जब कैंप ऑफिस बन जाए तो शिफ्ट हो जाएंगी। इस प्रस्ताव को मेयर आशा शर्मा ने ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि वह इस दो कमरे के ऑफिस में कैंप ऑफिस नहीं चलाएंगी। नगर आयुक्त ने कहा कि कैंप ऑफिस बनाने के लिए जगह चिह्नित करने को पार्षदों की कमिटी बनेगी। 

ये प्रस्ताव भी हुए पास 
-निगम में री-स्ट्रक्चरिंग होगी 
-आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए पार्षदों की कमिटी बनेगी 
-मकनपुर गांव के पास सरकारी अस्पताल के लिए जमीन देने 
-निगम के स्कूलों में कंप्यूटर साइंस और कॉमर्स क्लास चलाने 
-संजय नगर में आरओ लगाकर गरीबों को पानी उपलब्ध कराने 
-विकास कार्य का भुगतान पार्षद की संस्तुति पर ही करने का 
-वैशाली-1 में टूटी सड़क को ठीक कराने 
-तहसील में सफाई व्यवस्था कराने 
-वॉर्ड-3 में बरात घर बनवाने 
-29 वॉर्डों में विकास कार्यों के लिए 
-डूंडाहेड़ा में पीर से लेकर मदर डेरी तक नाला और इंटरलॉकिंग के प्रस्ताव की जांच कराने 

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